जैसे ही मैंने अपनी बीमारी का जिक्र अपनी प्रेमिका से किया तब सब कुछ बदल सा गया
रात दिन फोन पर बाते तो अब एक यादे ही बन गयी
मैं भला यह समझ नहीं पाया जो बीमारी मुझे है उससे मुझे ही नुकसान होगा पर क्या किसी को छोड़कर जाने की बजह ये भी हो सकती है
रात दिन फोन पर बाते तो अब एक यादे ही बन गयी
मैं भला यह समझ नहीं पाया जो बीमारी मुझे है उससे मुझे ही नुकसान होगा पर क्या किसी को छोड़कर जाने की बजह ये भी हो सकती है